Monday, April 25, 2022

चलो माना

चलो  माना, बुरी उतनी नहीं दुनिया,
मेरे कहने से पर चलती नहीं दुनिया।   

हुए हैं ज़ुल्म जितने पहले दुनिया पर,
गई  सदियाँ  मगर  भूली नहीं दुनिया। 

हुई हैं तोड़ने की कोशिशें कितनी,
ग़नीमत है कभी टूटी नहीं दुनिया। 

ये लगता  था  हटाकर रख ही देंगे  पर, 
किसी से इंच भर खिसकी नहीं दुनिया। 

यही सच है कि दुनिया सिर्फ दुनिया है,
वो  ऐसी या कि है वैसी नहीं दुनिया। 

ये दुनिया ध्वंस से ही ख़त्म हो जाती,
अगर पल-पल नया रचती नहीं दुनिया।

-कमलेश भट्ट कमल

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